Name of Body Parts in Sanskrit: संस्कृत भाषा भारतीय सभ्यता की धरोहर में गहरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इसका अध्ययन विभिन्न दृष्टिकोणों से किया जा सकता है, जैसे कि शब्दशास्त्र, साहित्य, धर्म, और औषधि विज्ञान। संस्कृत में शरीर के विभिन्न अंगों के नाम भी विस्तार से दर्शाए गए हैं:-
शरीर के अंग हमारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए आवश्यक हैं। हमें इन अंगों की देखभाल और सुरक्षा करनी चाहिए।
इन अंगों का प्रयोग शरीर के विभिन्न कार्यों को करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, सिर सोचने और देखने के लिए, मुंह खाने और बोलने के लिए, आंख देखने के लिए, कान सुनने के लिए, नाक सूंघने के लिए, होंठ बात करने के लिए, दांत चबाने के लिए, जीभ स्वाद लेने के लिए, गला आवाज बनाने के लिए, कंधे हाथों को उठाने के लिए, हाथ काम करने के लिए, उंगलियां पकड़ने के लिए, छाती सांस लेने के लिए, पेट भोजन पचाने के लिए, जांघ चलने के लिए, पैर चलने और खड़े होने के लिए, अंगुलियां पकड़ने के लिए, नाखून शरीर की रक्षा करने के लिए और बाल शरीर को गर्मी देने के लिए।
Sanskrit Language Body parts in Sanskrit
क्रमांक | हिंदी में नाम | संस्कृत मे नाम | अंग्रेजी में नाम |
1 | मुंह | मुखम् | Mouth |
2 | ओंठ | अधरम् | Lip |
3 | दिमाग, मस्तिष्क | मस्तिष्कः | Brain |
4 | आंख | नेत्रम् /लोचनम् /नयनम् /चक्षुः | Eye |
5 | कान | कर्णः / श्रोतम् | Ear |
6 | गाल | कपोलः | Cheek |
7 | बांह | भुजः /बाहुः | Arm |
8 | भौंह | भ्रूः | Eyebrow |
9 | पीठ | पृष्ठम् | Back |
10 | रीड की हड्डी | मेरूदण्डः | Backbone/ Spine |
11 | चेहरा | वदनः | Face |
12 | पेट | जठरः | Belly |
13 | उंगली | अंगुलिः | Finger |
14 | हड्डी | अस्थिः | Bone |
15 | धमनी | धमनी | Artery |
16 | स्तन | स्तनः / कुचः | Breast |
17 | पैर | पादः / चरणः | Foot |
18 | सीना, छाती | उरः /वक्षःस्थलम् | Chest |
19 | ठोड़ी, हनु | चिबुकम् | Chin |
20 | गुर्दा | वृक्का | Kidney |
21 | कोहनी | कूर्परः | Elbow |
22 | खून | रक्तम् / रूधिरम् | Blood |
23 | बाल | केशः / शिरोरूहः | Hair |
24 | पलक | पक्ष्मः | Eyelid |
25 | दाढ़ी | कूर्चम् | Beard |
26 | सिर | शीर्षम् | Head |
27 | माथा | ललाटम् / मस्तकम् | Forehead |
28 | मूँछ | श्मश्रुः | Moustache |
29 | यकृत, जिगर, कलेजा | यकृतः | Liver |
30 | हाथ | करः / हस्तः / पाणिः | Hand |
31 | खोपड़ी | कपालः | Skull |
32 | दिल | ह्रदयम् | Heart |
33 | त्वचा | चर्मः / त्वक् | Skin |
34 | घुटना | जानु | Knee |
35 | टांग | पादः | Leg |
36 | पेट | उदरः | Stomach |
37 | गला | कण्ठः | Throat |
38 | पैर की अंगुली | पादांगुष्ठः | Toe |
39 | कमर | कटिः | Waist |
40 | नाखून | नखः | Nail |
41 | नाभि | नाभिः | Navel |
42 | गर्दन | ग्रीवाः | Neck |
43 | नाक | नासिका | Nose |
44 | हथेली | करतलम् | Palm |
45 | पुतली | कनीनिका | Pupil |
46 | कंधा | स्कन्धः | Shoulder |
47 | कलाई | मणिबन्धः | Wrist |
48 | जांघ | जंघा / उरूः | Thigh |
49 | जीभ | जिह्वा | Tongue |
50 | दांत | दन्तः | Tooth |
51 | अगूंठा | अंगुष्ठः | Thumb |
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Sanskrit Language Body Parts in Sanskrit – Name of Body Parts in Sanskrit
1. मुख (मुख):
मुख शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो आहार प्राप्ति के लिए उपयोगी होता है।
2. नेत्र (आँखें):
ये आँखों का भाग होते हैं, जो दृश्य को ग्रहण करते हैं।
3. कर्ण (कान):
कान ध्वनि को ग्रहण करने और सुनने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
4. नाक (नक):
नाक से हम वायु प्राप्ति करते हैं, जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है।
5. गला (गला):
गला भोजन को निगलने और वाणी का प्रयोग करने के लिए होता है।
6. हृदय (दिल):
हृदय शरीर के महत्वपूर्ण अंग होते हैं, जो रक्त को पंपने का कार्य करते हैं।
7. फेफड़े (लंग):
ये अंग ऑक्सीजन को शरीर में पहुंचाने का कार्य करते हैं और श्वसन का संचालन करते हैं।
8. पैर (पैर):
पैर चलने, दौड़ने, और खड़े रहने के कार्यों के लिए होते हैं।
9. हाथ (हाथ):
हाथ कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे कि पकड़ने, पकड़ने, और लिखने में।
10. पेट (आंत):
पेट भोजन को पचाने और पोषण प्रदान करने का कार्य करता है।
संस्कृत में इन अंगों के नामों का विस्तारित अध्ययन हमें हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान करता है और आयुर्वेद जैसे पारंपरिक चिकित्सा तंत्रों के साथ ही योग और आत्मा के साथ जुड़े सिद्धांतों की भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संस्कृत भाषा के द्वारा यह ज्ञान हमारे समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
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