Janmashtami Cake : जन्माष्टमी के अवसर पर, लोग भगवान कृष्ण को समर्पित केक बनाते हैं। ये केक आमतौर पर पीले या सफेद होते हैं, जो भगवान कृष्ण के वस्त्र के रंग के समान होते हैं। केक पर अक्सर भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र भी होता है।
जन्माष्टमी (Janmashtami) की पूजा कैसे करें?
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवन श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है।
- प्रात:काल उठकर भगवन श्रीकृष्ण के लिए व्रत रखा जाता है।
- बाल गोपाल का पूर्ण श्रृंगार करके विधि-विधान विधि से उनकी पूजा की जाती है।
- जन्माष्टमी के दिन दोपहर मे भगवान श्रीकृष्ण को दूध और गंगाजल अर्पण करें।
- उसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाएं, मोरपंखी का मुकुट सजाये, बांसुरी, चंदन, वैजंयती माला मैं सिन्दूर का टिका लगा के लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें। उन्हें भोग में माखन, मिश्री, फल, मखाने, आदि का भोग लगाए।
- फिर घी का दीपक एवं धुप जलाये और भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की आरती उतारें और प्रसाद बांटे।
Janmashtami Cake – जन्माष्टमी केक की रेसिपी:
सामग्री
- 1 कप मैदा
- 1/2 कप चीनी
- 1/4 कप मक्खन, पिघला हुआ और ठंडा
- 2 बड़े चम्मच दूध
- 2 बड़े चम्मच वनीला एसेंस
- 1/2 चम्मच बेकिंग पाउडर
- 1/4 चम्मच बेकिंग सोडा
- 1/4 चम्मच नमक
विधि
- एक बड़े बाउल में, मैदा, चीनी, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा और नमक को मिलाएं।
- एक अलग बाउल में, मक्खन, दूध और वनीला एसेंस को एक साथ बीट करें।
- नम मिश्रण को सूखे मिश्रण में डालें और धीरे से मिलाएं, बस तब तक जब तक कि मिश्रण एक साथ न आ जाए।
- एक बेकिंग डिश को ग्रीस और मैदा लगाएं। मिश्रण को बेकिंग डिश में डालें और 350 डिग्री फ़ारेनहाइट पर 30-35 मिनट तक या जब तक कि टूथपिक डालने पर साफ न आ जाए, तब तक बेक करें।
- केक को ठंडा होने दें और फिर इसे भगवान कृष्ण की मूर्ति, माखन, मिश्री से सजाएं।
जन्माष्टमी केक एक स्वादिष्ट और मनमोहक तरीका है भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी मनाने का। यह एक विशेष अवसर के लिए एकदम सही है।
Krishna Janmashtami 2023
भगवन श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार 06 सितंबर 2023 भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को व्रत रखना शुभ रहेगा। जबकि वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले लोग कान्हा का भगवन श्री कृष्ण जन्मोत्सव 07 सितंबर 2023 को मनाएंगे
जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। उनका जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था।
जन्माष्टमी मनाने के कई तरीके हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- पूजा: जन्माष्टमी का सबसे महत्वपूर्ण रीति-रिवाज भगवान कृष्ण की पूजा करना है। लोग भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने पूजा करते हैं। वे पूजा के लिए फूल, प्रसाद और धूप जलाते हैं।
- भजन और नृत्य: लोग जन्माष्टमी के अवसर पर भजन गाते हैं और नृत्य करते हैं। वे भगवान कृष्ण की स्तुति और महिमा गाते हैं।
- मिठाई बांटना: जन्माष्टमी का एक पारंपरिक रिवाज मिठाई बांटना है। लोग मिठाई को भगवान कृष्ण को अर्पित करते हैं और फिर इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ बांटते हैं।
- उपवास रखना: कुछ लोग जन्माष्टमी के दिन उपवास रखते हैं। यह भगवान कृष्ण के प्रति समर्पण और श्रद्धा का एक तरीका है।
- मंदिर जाना: लोग जन्माष्टमी के दिन मंदिर जाते हैं। वे भगवान कृष्ण की मूर्ति के सामने प्रार्थना करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
जन्माष्टमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण और आनंददायक त्योहार है। यह भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी मनाने और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है।
यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको जन्माष्टमी को और अधिक खास बना सकते हैं:
- अपने घर को सजाएं: आप अपने घर को रंगीन लाइटों, फूलों और गीतों से सजा सकते हैं। यह उत्सव का माहौल बनाने में मदद करेगा।
- अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं: जन्माष्टमी एक परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का दिन है। आप साथ मिलकर पूजा कर सकते हैं, भजन गा सकते हैं, नृत्य कर सकते हैं और मिठाई खा सकते हैं।
- किसी जरूरतमंद की मदद करें: आप जन्माष्टमी के दिन किसी जरूरतमंद की मदद करके भगवान कृष्ण की भक्ति प्रदर्शित कर सकते हैं। आप भोजन, वस्त्र या धन दान कर सकते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार हमें भगवान कृष्ण की शिक्षाओं और मूल्यों को याद दिलाता है। यह हमें प्रेम, करुणा और दया के महत्व के बारे में सिखाता है।
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